Search This Blog
Gaurav Jha is a signature of Kalam who is a litterateur as well as a skilled speaker, leader, stage operator and journalist. His poems, articles, memoirs, story are being published in many newspapers and magazines all over the country. At a very young age, on the basis of his authorship, quality,ability.he has made his different fame and his identity quite different in the country. They have a different identity across the country.
Featured
- Get link
- Other Apps
कविता:-- प्रेम है एक शक्ति
तुमको जब भी चाहा,
हृदय की गहराई से चाहा,
मुझमें तुम हो,
तुझमें मैं सदा हूँ,
कुछ पल के लिए
अपने रास्ते में तुम्हें
खोजा तुम मेरे हृदय
में एक शक्ति बनकर
तुम मौजूद थी,
मेरी हर साँसों में,
मेरी हर धड़कन में
बसी तुम्हीं हो,
तुम्हारी चाहत में ख़ुद को
एक क्षण के लिए भूल
गया था मैं,
अपने वजूद को भूल गया था,
हम दोनों के बीच असीम प्रेम में
शक्ति थी इतनी अधिक
हम दोनों को ज़िंदा रखा,
तुम्हें पाना या चाहना न
तो मेरे हाथों में है,
न उस ख़ुदा के हाथों में,
सोचता हूँ कभी-कभी
मिले थे क्यूँ हम दोनों इक साथ,
ज़िंदगी महज़ एक इत्तिफाक है,
तुमसे मिलना,
चाहकर भी तुमसे दूर-दूर रहना,
उलझा था ख़ुद में,
ढूंढ़ रहा था तुम्हें ख़ुद के अंदर
यह ढूंढ़ने का सिलसिला ने
मुझे अपनों से गुमनाम कर दिया,
जीवन है सतत् चलते रहने का,
तुम्हारे प्रेम में ख़ुद को भूल गया,
मिलना और तुमसे दूर-दूर रहना ये
उस ईश्वर के हाथों में है,
विधाता के बनाए हुए विधान की
कथपुतली हैं हम दोनों,
कोशिश करता रहा था तुमसे,
तुम्हारे रूह से अलग हो जाऊं,
लेकिन तुम्हारे बचपन के दिनों के
कारण एक पल , एक सेकंड भी
तुमसे ख़ुद को मैं अलग न कर सका,
क्योंकि सोचता हूँ हम दोनों की
बचपन भी एक जैसी थी।
क्या कहें? क्या न कहें? कुछ भी कहना
अब आसान नहीं है,
सचमुच जानता हूँ यह प्रेम अंधा
होता है,कब?कहां? किससे?हो जाएं
ये महज़ कहना मुश्किल है,
पूछता हूँ तुमसे मैं,यह प्रेम क्यूँ?
ऐसा होता है जो हमें कभी
एक-दूसरे से मिलने ही न दें,
फिर भी लोग मुहब्बत कर बैठते हैं,
यह प्रेम ही तो है जो
एक-दूसरे का जान का दुश्मन भी
कभी-कभी बन जाता है,
तो कभी-कभी ये नया
जीवन भी मनुष्य को यह देता है,
यह पूरी सृष्टि प्रेम पर टिकी है,
महज़ यह प्रेम पर टिकी हुई है,
मंज़िल कभी मिलती है तो
कभी जीवन में रास्ते नहीं मिलते हैं,
टूट जाते हैं, बिगड़ जाते हैं सब कुछ
इस आपाधापी जीवन में,
गुजरने पड़ते हैं इम्तिहानों से हर-दिन
हर-क्षण एक नई उम्मीद और आशाओं के साथ,
कुछ पल जैसे समंदर के जल
बड़े वेग के साथ हल-चल पैदा करती है,
उसी प्रकार यह जीवन भी उस जल
की तरह कभी-कभी उथल-पुथल
मचाती है,
यह प्रेम ही होता है जिसमें
मंज़िल भी अलग-अलग हो जाते हैं,
रास्ते भी कुछ क्षण के लिए
अलग-अलग हो जाती है,
यह जीवन एक संग्राम है,
जहाँ हर-दिन ख़ुद से लड़ने पड़ते हैं,
यह एक ऐसे मोड़ पर लाकर
खड़े कर देते हैं जहाँ प्रेम के सिवा
कुछ कभी दिखता ही नहीं है,
गैरों के साथ नहीं बल्कि अपने
लोगों से भी कुछ पल के लिए अलग-थलग
कर देती है,वो हम दोनों के बीच
असीम और प्रगाढ़ प्रेम ही तो है,
जो जीवन में कभी अपार शक्ति का
संचार करती है तो कभी जीवन को
बढ़ने हेतु एक नयी दिशा प्रदान करती है।।
प्रेम एक बहुत सरल चीज़ है,
करना बहुत आसान होता है,
लेकिन प्रेम में रहकर चीज़ों को
जानना, समझना,बारीकी से चीज़ों को
महसूस कर पाना उतना भी सहज
और सरल नहीं होता,
यह बेहद कठिन काम है,
यह प्रेम ही तो है जो जीवन देती है,
यह जीवन और मृत्यु के बीच की रेखा
होती है जो जीवन को हर-रोज,
प्रतिपल एक नया वह संदेश देती है।
परस्पर असीम प्रेम के कारण ही
आज ज़िंदा है हम और तुम।।
✍️✍️✍️ Gaurav 🙏
- Get link
- Other Apps
Popular Posts
कविता -- प्रकृति कुछ कहना चाहती है।
- Get link
- Other Apps
प्रकृति की गोद में खूबसूरत शहर बसा है ग्वालियर // गौरव झा
- Get link
- Other Apps
Comments
Post a Comment