b:include data='blog' name='all-head-content'/> Skip to main content

Featured

हिंदी कविता : गांव की यादें // गौरव झा

  GAURAV JHA  ( Journalist, Writer & Columnist ) चाहे चले जाओ,गर सात समुद्र पार  गाँव की याद आती है बहुत मेरे यार।। सिखता आ रहा हूँ,बहुत कुछ गाँवों में रहता हूँ,हर वकत बुजुर्गो के छाँवों में। चाहे चले जाओ,गर सात समुद्र पार गाँव की  याद आती है बहुत मेरे यार।। मिलता था माँ का प्यार सदा गाँवों में जन्नत मिला है  सदा  माँ के पाँवों में।। गाँव में  मिलता बहुत लोगों का  प्यार, शहर आते बहुत कुछ खो दिया मेरे यार। चाहे चले जाओ,गर सात समुद्र पार, गाँव की याद आती है बहुत मेरे यार।। #  <script data-ad-client="ca-pub-6937823604682678" async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script>

बाल साहित्य-- जमा पूंजी भविष्य की कमाई

एक किसान था। इस बार वह फसल कम होने की व‍जह से चिंतित था। घर में राशन ग्यारह महीने चल सके उतना ही था। बाकी एक महीने का राशन का कहां से इंतजाम होगा। यह चिंता उसे बार-बार सता रही थी। किसान की बहू का ध्यान जब इस ओर गया तो उसने पूछा ?
         पिताजी आजकल आप किसी बात को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। तब किसान ने अपनी चिंता का कारण बहू को बताया।किसान की बात सुनकर बहू ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह किसी बात की चिंता न करें। उस एक महीने के‍ लिए भी अनाज का इंतजाम हो जाएगा।जब पूरा वर्ष उनका आराम से निकल गया तब किसान ने पूछा कि आखिर ऐसा कैसे हुआ?
         बहू ने कहा- पिताजी जब से आपने मुझे राशन के बारे में बताया तभी से मैं जब भी रसोई के लिए अनाज निकालती उसी में से एक-दो मुट्‍ठी हर रोज वापस कोठी में डाल देती। बस उसी की वजह से बारहवें महीने का इंतजाम हो गया।

कहानी की सीख  : ‍इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में बचत की आदत डालना चाहिए। ताकि किसान की तरह बुरे वक्त में जमा पूंजी काम आ सके।अतः हम सबको मानना चाहिए कि जमा पूंजी भविष्य की कमाई होती है।सदैव जमा की हुई पूँजी विपरित परिस्थितयों में हमेशा काम देती है।इसिलिए धन संचय करना सीखें।
    
                                 -----@💐 Writer Gaurav Jha

Comments

Popular Posts